नई दिल्ली , अपनी मोनोपॉली और एकक्षत्राधिकार छिनने से डरे हुये दिल्ली को मनमाने दामों पर दूध , फल , सब्जी , अनाज , दालें सप्लाई करने वाले दिल्ली के आसपास के पंजाब, हरियाणा और उ प्र के किसान इन दिनों मात्र इसलिये आंदोलन में हैं कि अब देश का कोई भी किसान दिल्ली वालों को नये कानूनों के चलते , उनसे भी सस्ते दाम पर और अच्छी चीज मुहैया करा सकेगा और घर बैठे मनचाहा मंहगा दाम भी पा लेगा । देश के दूसरे किसानों को मुनाफा शेयर न करने देने और फायदा न लेने देने के उद्देश्य से दिल्ली के आसपास के चीजें सप्लाई करने वाले किसान इन दिनों डेरा जमाये दिल्ली बार्डर पर डटे हैं । ज्ञातव्य है कि नये कृषि कानूनों से देश भर से कोई भी किसान कहीं भी , कभी भी , अपनी फसल , उपज , साग सब्जी , दूध , अंडा , देशी घी , दही, मक्खन , पनीर वगैरह बेच सकेगा और इससे देश भर का कोई भी किसान दिल्ली के दाम दूर बैठकर भी किसी आनलाइन प्लेटफार्म के जरिये , किसी समिति , सहकारी समिति , कृषि साख विपणन समिति या अन्य मार्केटिंग कंपनी के माध्यम से बिना एक भी पैसा खर्च किये बगैर बेच कर पा सकेगा । यही एक मोनोपाली नये कृषि कानूनों से खत्म होती देखकर दिल्ली में सप्लाई कर करोड़पति और अरबपति बने लोग इन दिनों किसान आंदोलन के नाम पर डेरा जमाये पड़े हैं ।
नयी व्यवस्था अस्तित्व में आये और देश भर का किसान दिल्ली में सप्लाई के लिये तैयार हो , उससे पहले ही उन किसानों को मिले अधिकार और आजादी को देने वाले कानूनों को खात्मा कराने के लिये एक सुनियोजित आंदोलन , किसानों के नाम पर अब तक अकेले दिल्ली लूट रहे लोगों का महज एक शिगूफा है , किसानों से बातचीत का कल कोई निष्कर्ष नहीं निकलते देख , केन्द्र सरकार को यह तो समझ आ गया कि ये किसान तो कतई है ही नहीं बल्कि किसानों की आजादी और भुखमरी व गरीबी , किसान आत्महत्याओं का जारी रहे , के लिये कुचक्र रचने का प्रयास कर रहे लुटेरों व षडयंत्रकारियों का एक समूह है । जो पूरे देश के किसानों का हक हड़प कर मालामाल हो रहा है और मंहगी कारों और मंहगे बंगलों में रहकर देश भर के किसानों को कर्ज में फंसा कर आत्महत्यायें करवा रहा है । उललेखनीय है कि पूरे देश में कर्ज और गरीबी , भुखमरी के चलते किसान आत्महत्यायें करते हैं , परंतु जहां के लोग इस वक्त आंदोलन कर रहे हैं वहां के लोग कर्ज , गरीबी और भुखमरी से आत्महत्यायें नहीं करते ।
केन्द्र सरकार ने सारा माजरा भांपकर अब इस चक्रव्यूह से देश को निकालने के लिये बनाये तीनों कृषि कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने और षडयंत्रकारी समूह से निबटने के लिये 3 दिसंबर तक सारी तैयारीयां करने और अमल में लाने के लिये , सबसे पहले ट्रेन रूट डायवर्ट करने और , षडयंत्रकारी समूह क्षेत्र की ट्रेनें रद्द करने का फैसला पहले चरण में किया है , अब देश भर के किसानों को दिल्ली में चीजें व अनाज सप्लाई कर उचित व मंहगे दाम पाने का सुनहरा मौका अपने आप ही रेलवे और सड़क मार्ग से मिलेगा । किसान कंपनियां , समितियां व सहकारी समितियां मालवाहक हवाई जहाजों और मालवाहक ड्रोनों के मार्फत दिल्ली में सामान सप्लाई कर सकेंगीं ।
पिछले 6 दिनों से पंजाब-हरियाणा से आए किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन जारी है। किसानों के जारी प्रदर्शन को देखते हुए उत्तर रेलवे ने कुछ ट्रेनों के संचालन में कुछ बदलाव किया है। पंजाब के किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का असर रेल यातायात पर भी देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से उत्तर रेलवे ने कुछ ट्रेनों को रद्द कर दिया है, वहीं कुछ ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट, शॉर्ट ओरिजिनेट और कुछ को डायवर्ट किया गया है।
किन-किन ट्रेनों को किया गया है कैंसिल
दो दिसंबर को खुलने वाली 09613 अजमेर-अमृतसर एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन को रद्द कर दिया गया है। ठीक इसी तरह 3 दिसंबर को 09612 अजमेर-अमृतसर एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन भी रद्द रहेगी। इसके अलावा, 3 दिसंबर से शुरू होने वाली 05211 डिब्रूगढ़-अमृतसर एक्सप्रेस विशेष ट्रेन रद्द रहेगी। इसी तरह, 3 दिसंबर को शुरू होने वाली 05212 अमृतसर- डिब्रूगढ़ स्पेशल ट्रेन भी रद्द रहेगी।
कौन ट्रेन शॉर्ट टर्मिनेटेड
वहीं, 04998/04997 भटिंडा-वाराणसी-भटिंडा एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन अगले आदेश तक रद्द रहेगी। दो दिसंबर को 02715 नांदेड़-अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन को नई दिल्ली में शॉर्ट टर्मिनेट किया जाएगा। 02925 को आज खुलने वाली बांद्रा टर्मिनस-अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन चंडीगढ़ में शॉर्ट टर्मिनेट होगी।
ये ट्रेनें होंगी डायवर्ट
आज यानी दो दिसंबर को खुलने वाली 04650/74 अमृतसर-जयनगर एक्स्प्रेस को अमृतसर-तरनतारन-ब्यास के रास्ते डायवर्ट किया जाएगा। 08215 दुर्ग-जम्मू तवी एक्सप्रेस को लुधियाना जलंधर कैंट-पठानकोट छावनी के रास्ते चलाया जाएगा। वहीं, 4 दिसंबर को चलने वाली ट्रेन 08216 जम्मू तवी-दुर्ग एक्सप्रेस को पठानकोट कैंट-जालंधर कैंट-लुधियाना के रास्ते डायवर्ट किया गया है।
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