भारी वाहनों को रोकने के लिए 11 स्थानों पर ड्राप्ट गेट लगेंगे


भारी वाहनों को रोकने के लिए 11 स्थानों पर ड्राप्ट गेट लगेंगे

मुरैना 30 जुलाई 2007

       कलेक्टर श्रीमती कैरेलिन खोंग्वार देशमुख की अध्यक्षता में गत दिवस सम्पन्न सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में शहर में भारी वाहनों के आवागमन को रोकने हेतु 11 स्थानों पर ड्राप्टगेट लगाने और सात स्थानों पर स्पीड ब्रेकर बनाने का निर्णय लिया गया । बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री हरीसिंह यादव सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे ।

       बैठक में पुलिस अधीक्षक के प्रस्ताव पर शहर में भारी वाहनों के आवागमन को रोकने हेतु बैरियर चौराहा, ऑटो स्टेण्ड एम.एस. रोड़, सिंधी कॉलोनी चौराहा, गंज चौराहा राम जानकी मंदिर , नगर पालिका के बगल से सब्जी मंडी चौराहा, नाला नम्बर 2 तिराहा, ओवर व्रिज चौराहा, रेल्वे स्टेशन रोड़ राजश्री हौटल के सामने, रामनगर तिराहा, शासकीय पोलीटेकनिक कॉलेज, ओवर ब्रिज मार्ग अम्बाह रोड़ पर ड्राप्ट गेट एवं ओवर हैल्डस लगाने का निर्णय लिया गया और यह कार्रवाई शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश नगर पालिका अधिकारी मुरैना को दिए गये । कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण को मुरैना अम्बाह वायपास रोड़ की मरम्मत का कार्य अविलम्ब कराने तथा ऑटो स्टेण्ड , कोर्ट तिराहा, राधिका पैलेस चौरहा, जेल रोड, जिला चिकित्सालय के सामने , कलेक्ट्रेट गेट और ओवर व्रिज चौराहा पर स्पीड ब्रेकर बनाने की ताकीद की गई ।

       समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि शहरों की सड़कों पर गति सीमा का निर्धारण और संकेतक लगवाने की कार्रवाई नगर पालिका अधिकारी और व्यापार मंण्डल द्वारा की जायेगी । साथ ही सब्जी मंडी और पंचायती धर्मशाला के सामने बड़े वाहनों को रोकने हेतु खम्बे या पत्थर लगाये जायेंगे । कार्यपालन यंत्री को उच्च न्यायालय के निर्देशों के परिपालन में स्पीड ब्रेकर बनवाने और अनाधिकृत रूप से बने स्पीड ब्रेकर हटवाने की कार्रवाई एक माह में पूर्ण करने के निर्देश दिए गये । अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को स्कूल व कालेजों में यातायात शिक्षा देने का कार्यक्रम तैयार करने को कहा गया । ओवर ब्रिज चौराहा और बेरियर चौराहा के इलेक्ट्रोनिक सिंग्नल और बंद लाइटें अविलम्ब दुरूस्त कराने की हिदायत नगर पालिका अधिकारी को दी गई । जौरा रोड़ पर सोलंकी पेट्रोल पम्प के आगे जौरा रोड़ की बसों के लिए बस स्टेण्ड स्थापित करने तथा फल और चाट के ठेलों के लिए स्थान निर्धारित करने का निर्णय भी लिया गया । नैनागढ़ रोड़ की दुरूस्ती मंडी समिति तथा नैनागढ़ रोड , संजय नगर रोड़ और वनखंडी रोड़ की मरम्मत  की कार्रवाई करने के निर्देश नगर पालिका अधिकारी को दिए गये ।

 

स्कूली बच्चों का नेत्र परीक्षण कराया जायेगा


स्कूली बच्चों का नेत्र परीक्षण कराया जायेगा

मुरैना 30 जुलाई 2007

       कलेक्टर श्रीमती कैरेलिन खोंग्वार देशमुख की अध्यक्षता में गत दिवस सम्पन्न बैठक में जूनियर रेडक्रॉस समिति के माध्यम से सभी स्कूली बच्चों का नेत्र परीक्षण कराने का निर्णय लिया गया ।

            बैठक में बताया गया कि नेत्र परीक्षण का आयोजन शैक्षणिक संस्थास्तर पर किया जायेगा । इसके लिए प्रत्येक स्कूल के एक शिक्षक को नेत्र विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा । जिला स्तर पर संकुल शालाओं के रेडक्रॉस प्रभारी शिक्षक और दो चयनित विज्ञान शिक्षक को 6 अगस्त को प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा संकुल स्तर पर 20 अगस्त को , जिला स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा और प्राथमिक नेत्र परीक्षण हेतु चार्ट एवं सामग्री दी जायेगी । प्रशिक्षित शिक्षक अपनी शलाओं में 22 अगस्त से 30 अगस्त तक प्राथमिक नेत्र परीक्षण कर शाला स्तर पर और बी श्रेणी में छात्रों का चयन कर सूची बध्द करेंगे । जिन विद्यार्थियों को रतोंधी , निकट व दूर दृष्टि रोग है तथा चश्में की संभावना हैं, उन्हें श्रेणी में रखा जायेगा तथा इन्हें 5 सितम्बर से 14 सितम्बर तक विकास खण्ड स्तर  अथवा निकटस्थ स्वास्थ्य केन्द्र पर उपचार व चश्में का नम्बर दिलवाने की व्यवस्था नेत्र विशेषज्ञों द्वारा की जायेगी । जिन विद्यार्थियों में भैंगायन और दृष्टिहीनता की सम्भावना है, उन्हें 17 सितम्बर से 22 सितम्बर तक जिला चिकित्सालय मुरैना में विस्तृत जांच हेतु भेजा जायेगा और दृष्टि हीनता को रोकने हेतु यथा संभव प्रयास किये जायेंगे ।

       बच्चों के नेत्र परीक्षण ,चश्मा वितरण, चिकित्सालय तक आने- जाने , आई ड्राप दवाइयां आदि की व्यवस्था शाला स्तर पर उपलब्ध जूनियर रेडक्रॉस निधि, स्काउट निधि, पालक शिक्षक संघ अथवा शाला विकास निधि से की जायेगी । आवश्यकता पड़ने पर विशेष उपचार की व्यवस्था जिला रेडक्रॉस निधि से की जायेगी । कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी को बच्चों के नेत्र परीक्षण का कार्य समय सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश दिए । बैठक में नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. डी.के. ओमरे और डा. एम.एल. गुप्ता, जिला परियोजना समन्वयक श्री ए.के. त्रिपाठी, सहायक संचालक शिक्षा श्री आर.जे. सत्यार्थी, जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी श्री राघवेन्द्र सिंह तोमर तथा विभिन्न विकास खण्डों के प्राचार्य और विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे ।

 

मतदाता परिचय पत्र के लिए आज सेंतीस स्थानों पर फोटोग्राफी


मतदाता परिचय पत्र के लिए आज सेंतीस स्थानों पर फोटोग्राफी

मुरैना 30 जुलाई 2007

       राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मुरैना जिले में मतदाताओं के फोटो परिचय पत्र तैयार कराने के लिए फोटोग्राफी का कार्य शुरू किया गया है । इसी कडी में 31 जुलाई को सेंतीस मतदान केन्द्रों पर फोटोग्राफी का कार्य किया जायेगा । कलेक्टर श्रीमती कैरेलिंन खोग्वार देशमुख ने मतदाताओं से अपील की है कि वे फोटोग्राफी के समय अपने अपने मतदान केन्द्र पर पहुंचकर फोटो खिंचवायें अथवा पासपोर्ट साइज के फोटोग्राफ बी.एल.ओ. को उपलब्ध करा दें ।

       उप जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार 31 जुलाई को जिन क्षेत्रों में फोटोग्राफी की जायेगी उनका विवरण निम्नानुसार है :-

मुरैना के मतदान केन्द्र क्र. 62 लक्ष्मी बार्ड क्र. हा.से. स्कूल उत्तरी भाग वार्ड 13, 63 लक्ष्मीवाईस्कूल दक्षिण भाग, 64 लक्ष्मी वाई क.हा.से. स्कूल दक्षिणी भाग ,  केन्द्र 65 लक्ष्मी बाई कन्या हा. से. स्कूल वार्ड 14, केन्द्र 66 लक्ष्मी बाई शा.हा.से. दक्षिण भाग, केन्द्र 104 कार्या. सहा. संचालक पशु चिकित्सालय सेवायें दक्षिण भाग वार्ड नं. 32, 105 सहा. संचालक पशु चिकित्सा सेवायें दक्षिणी भाग एवं केन्द्र 106 सहायक संचालक पशु चिकित्सालय में मतदाताओं की फोटोग्राफी की जायेगी । 

जौरा के मतदान केन्द्र 75 न.पा. भवन पचवीधा, केन्द्र 76 न.पा. भवन न.पा.के पीछे डांक बंगला, केन्द्र 78 प्रा. शाला भवन नं. 2 पचवीघा, 79 क.उ. मा.वि. वालागंज लक्ष्मी मंन्दिर आयल मण्डी अमर मज्जिद शर्मा गली प्रजापति गली , केन्द्र 80 प्रा. क.उ.मा. वि. पूर्वी भाग जौरा पंचमुखी डाक बंगला रोड शहर बाजार मा. शाला भवन क्र. 2 पूर्वी भाग वार्ड नं. 8 नरसरी रोड अस्पताल रोड लहर बाजार, केन्द्र 80 प्रा. शाला भवन सुमावली गणेशपुरा, केन्द्र 81 मा. शाला भवन निटहरा, केन्द्र 82 मा. शाला भवन निठहरा (गढ़ी खेरा)।

       कैलारस मतदान केन्द्र 121 पचेखरा प्रा. शाला भवन पचोखरा, केन्द्र 22 पचेखरा मा. शाला भवन , 117 हटीपुरा प्रा. शाला भवन हटीपुरा, केन्द्र 118 हटीपुरा प्रा. शाला भवन हटीपुरा केन्द्र 152 प्रा. शाला भवन कोढा, केन्द्र 153प्रा. शाला भवन कोढा डिरी ।

       सबलगढ़ के मतदान केन्द्र 1 प्रा. शा. भवन बरोछा, केन्द्र 3 प्रा. शा. भवन भारकापुरा, केन्द्र 4 मा.शा. भवन बोहने का पुरा, केन्द्र 5 प्रा. शा. भजन मवरा दाट्पुरा ।

       अम्बाह के मतदान केन्द्र क्र. 3 मा. शा. भवन माताबसई , केन्द्र 2 प्रा.शा. मोसुअनपुरा, केन्द्र 1बीघकापुरा, केन्द्र 15 मा. शा. भवन नयापुरा  पूर्वी भाग , केन्द्र 16 प्रा. शा.भवन पाराशर की गढ़ी ।

पोरसा के मतदान केन्द्र क्र. 30 प्राशा. भवन बरवाई, केन्द्र 31 ग्रामीण सचिवालय बरवाई, केन्द्र 52 मा. शा. भवन बरवाई, केन्द्र 33 मा. शा. भवन बरवाई , केन्द्र 54 प्रा. शा. भवन रतनबसई एवं केन्द्र 55 प्रा. शा. भवन रतनबसई में फोटोग्राफी की जायेगी ।

 

चौदह नसबंदी शिविर लगेंगे


चौदह नसबंदी शिविर लगेंगे

मुरैना 30जुलाई 2007

       परिवार कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत मुरैना जिले में माह अगस्त में चौदह नसंबंदी शिविर आयोजित किये जायेंगे ।

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार पोरसा में 3 और 17 अगस्त को, खडियाहार और नूरावाद में 2 और 16 अगस्त को जौरा, कैलारस और पहाडगढ़ में 8 और 29 अगस्त को,सबलगढ़ में  8 अगस्त को और अम्बाह में 25 अगस्त को शिविर लगाये जायेंगे । इन शिविरों में डा. आर.सी. बांदिल द्वारा नसबंदी ऑपरेशन किये जायेंगे । जिला चिकित्सालय मुरैना में माह के चतुर्थ गुरूवार को बिना चीरा बिना टांका पुरूष नसबंदी की सुविधा उपलब्ध रहेगी ।

 

ड्रिप सिंचाई योजना के लिए अनुदान


ड्रिप सिंचाई योजना के लिए अनुदान

मुरैना 30 जुलाई 2007

       गिरते भू-जल स्तर के कारण सिंचाई जल की कम उपलब्धता के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा ड्रिप अथवा स्ंप्रिकलर पध्दति से सिंचाई करने की विधि को केन्द्र प्रवर्तित माइक्रो दूरी सेशन योजना के अन्तर्गत प्रोत्साहित किया जा रहा है । इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के सभी वर्गों के कृषकों को प्रति इकाई लागत मूल्य का 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराने का प्रावधान है ।

       सहायक संचालक उद्यानिकी के अनुसार इस सिंचाई पध्दति से सिंचाई जल की बचत होती है और सिंचाई जल की उपलब्धता 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है । उत्पादन में वृध्दि के साथ साथ फसल की गुणवत्ता में भी सुधार होता है और समान मात्रा में सभी पौधों को उर्वरक भी उपलब्ध कराया जा सकता है । योजना का लाभ 0.4 हैक्टेयर से 5 हैक्टेयर तक के किसानों को देय है । अनुदान योजना का लाभ प्रथम आओ प्रथम पाओं के आधार पर किया जायेगा । इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन पत्र उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले से प्राप्त कर भर कर जमा कर सकते है ।

 

एगमार्क नेट परियोजना में सबलगढ कृषि उपज मण्डी का चयन


एगमार्क नेट परियोजना में सबलगढ कृषि उपज मण्डी का चयन

मुरैना 30जुलाई 2007

       एगमार्क नेट परियोजना के अन्तर्गत मुरैना जिले की सबलगढ़ कृषि उपज मंडी सहित मध्य प्रदेश की 25 कृषि उपज मंडी समितियों का चयन किया गया है । चयनित मंडियों में कृषकों के हित में जागरूकता कार्यक्रम चलायें जायेंगे ।

       राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अनुसार एगमार्क नेट परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मंडी सचिवों को राज्य स्तर पर प्रशिक्षण दिया जायेगा । साथ ही दूरदर्शन और आकाशवाणी के स्थानीय चेनल एवं लोकल डिस्क पर एगमार्क नेट जागरूकता हेतु कार्यक्रम दिए जायेंगे । इस परियोजना के अन्तर्गत सीहोर में आष्टा, विदिशा में गंजबासोदा, होंशंगावाद में पिपरिया , इन्दौर में इन्दौर, धार में धामनोद, झाबुआ में पेटलावद और झाबुआ, बड़वानी में सेंधवा और बड़वानी , उज्जैन में महिदपुर, देवास में खातेगांव, रतलाम में जावरा, ग्वालियर में डबरा, गुना में कुम्भराज, शिवपुरी में पोहरी, मुरैना में सबलगढ़, सागर में रेहली और गढ़ाकोटा , पन्ना में पन्ना, डिण्डोरी में डिण्डोरी , छिंदवाडा में पांडुर्ना, नरसिंहपुर में गोटेगांव, शहडोल में शहडोल, उमरिया में उमरिया और सतना में नागौद कृषि उपज मंडी का चयन किया गया है । परियोजना की समीक्षा प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में बीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यमसे संभागीय उप संचालक कृषि विपणन वार्डो द्वारा की जायेगी ।

 

सर्व शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक आज


सर्व शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक आज

मुरैना 30 जुलाई 2007

       कलेक्टर श्रीमती कैरेलिंन खोंग्वार देशमुख की अध्यक्षता में सर्व शिक्षा अभियान की बैठक 31 जुलाई  को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में टी.एल. मीटिंग के पश्चात आयोजित की गई है । जिसमें आदिम जाति कल्याण, शिक्षा , विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी, विकास खण्ड श्रोत समन्वयक जानकारी सहित उपस्थित रहेंगे ।

 

ट्रेड मेन की भर्ती 1 अगस्त को


ट्रेड मेन की भर्ती 1 अगस्त को

मुरैना 30 जुलाई 2007

       जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के अनुसार यूनिट हेडक्वाटर कोटा के तहत ट्रेडमेन (म्यूजीसियन) की भर्ती 1 अगस्त को आयोजित की गई है । इच्छुक आवेदक मूल दस्तावेजों के साथ भर्ती स्थल ए.एस.सी. सेण्टर (साउथ) बेंगलोर में पहुंच कर अवसर का लाभ उठा सकते हैं ।

 

श्रावण मासोत्‍सव पर्व आज से प्रारंभ


श्रावण मासोत्‍सव पर्व आज से प्रारंभ

शिवालयों और कृष्‍ण मन्दिरों आज से भक्‍तों का मेला,बम बम भोले और नम: शिवाय की गूंज से गूंजेगे मन्दिर

नरेन्‍द्र सिंह तोमर आनन्‍द

मुरैना 30 जुलाई । आज से श्रावण मास प्रारंभ हो रहा है, हालांकि प्रतिपदा तिथि क्षय हो जाने से सीधे ही इस बार का श्रावण माह द्वितीया तिथि से प्रारंभ होगा । खास बात यह है कि जहॉं सावन के महीने में शंकर जी और सोमवारों का विशेष महत्‍व है वहीं अबकी बार का सावन तो सोमवार से ही प्रारंभ हो रहा है । इस प्रकार इस बार सावन में पॉंच सोमवार पड़ेंगे । एक जुलाई में और बकाया चार अगस्‍त माह में होंगे ।

सावन के सोमवारों में शिव जी के पूजन अर्चन और अभिषेक का जहॉं खासा महत्‍व है वहीं शिव साधना भी इन दिनों विशेष फलप्रद मान्‍य है । कई लोगा कोसों दूर स्‍थित गंगा घाट से पैदल गंगाजल लेकर आयेंगे और शिव जी का गंगाभिषेक करेंगे, कांवरीयों के रूप में शिवभक्‍तों की टोलीयों ने कांवरें लाना शुरू कर दीं हैं ।

वहीं भगवान श्री कृष्‍ण के वृन्‍दावन में भी सावन के महीने में बहारें छायीं रहेंगीं, जहॉं झूलों और रास लीलाओं का परम्‍परागत उत्‍सव रहेगा वहीं कृष्‍ण साधना और कृष्‍ण पूजा भी इन दिनों भारी संख्‍या में होगी ।

सावन के पूरे महीने जहॉं शिव और कृष्‍ण की पूजा और साधना परम्‍परा चलेगी वहीं शिवालय और कृष्‍ण मन्दिर इन दिनों लोगों के मेलों से घिरे रहेंगे ।

सावन के पॉंचों सोमवार तक बेलपत्र और काले धतूरे के साथ शंकर जी भांग, गांजे और सतत जल अभिषेक का आनन्‍द लेंगे । वहीं इसी मौसम में लोग अपनी ससुराल जाकर सालियों और सलहजों के साथ छेड़खानी का आनन्‍द लेते हैं । उल्‍लेखनीय है कि इस महीने अधिकतर महिलायें अपने मायके यानि पीहर यानि मॉं के घर आ जातीं है, और उनके जीजाजी पीछे पीछे दीवाने बन कर रूप बदल कर उनसे छेड़खानी के लिये जा पहुँचते हैं । कृष्‍ण ने इस परम्‍परा की शुरूआत की थी, जब वे राधा से मिलने वेष बदल कर पहुँचते थे ।            

 

महिला राष्‍ट्रपति, महिला कलेक्‍टर और मुल्जिम बनीं अधिकार मांगती महिलायें


महिला राष्‍ट्रपति, महिला कलेक्‍टर और मुल्जिम बनीं अधिकार मांगती महिलायें

नरेन्‍द्र सिंह तोमर आनन्‍द

मुरैना 30 जुलाई । अब इसे विडम्‍बना कहें या दुर्योग । भारत की प्रथम महिला राष्‍ट्रपति हो, जिले की पहली महिला कलेक्‍टर (श्रीमती कैरेलिन खोंग्‍वार देशमुख इन दिनों मुरैना कलेक्‍टर हैं ) हो । और हक मांगती महिलाओं को मुल्जिम बना दिया जाये और अपराधीयों के मानिन्‍द थोकबन्‍द एफ.आई.आर. दर्ज कर दी जायें ।

पिछले हफते यह वाकया मुरैना शहर की आम व गरीब बस्‍ती की महिलाओं के साथ गुजरा ।

बात कुछ यूं है कि जहॉं श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह राष्‍ट्रपति बनीं वहीं मुरैना के गोपालपुरा क्षेत्र जहॉं बिजली की किल्‍लत थी यानि लगभग एक महीने से ट्रान्‍सफार्मर फुंका पड़ा था, और शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी । सो महिलाओं की टोली ने बिजलीघर पर जाकर शिकायत शिकवा शुरू किया,धरना प्रदर्शन किया और बन गईं मुल्जिम ।

पिछले कुछ सालों से बिजलीघर का आलम ये है कि कोई शिकायत फरियाद या ज्ञापन लेकर जाये तो अव्‍वल तो उसकी पावती ही नहीं दी जायेगी और यदि आपने फयूज ऑफ कॉल रजिस्‍टर मांगने की जुर्रत की तो आपकी खैर नहीं, और यदि आपने सामूहिक ज्ञापन देने या चेंटने की जुर्रत की तो समझिये । कि आप इस देश के सबसे बड़े अपराधी हैं । यानि आपके खिलाफ बिजली वाले तुरन्‍त एक एफ.आई.आर. पुलिस में लिखा देंगें जिसका खास आपराध मजमून शासकीय कार्य में बाधा, गालीगलौज, और मारपीट होगा, इसके साथ ही एक और खास टैक्‍नॉलॉजी है कि एफ.आई.आर. किसी हरिजन कर्मचारी या हरिजन अधिकारी के नाम से भेजी जायेगी जिससे हरिजन एक्‍ट भी लग सके, पिछले चार सालों सें बिजलीघर के इस नये नुस्‍खे से इतना जरूर हुआ है कि लोगों ने बिजली मॉंगना और बिजली के आन्‍दोलन बन्‍द कर दिये हैं । मुरैना जिला की कोतवालीयों  में ऐसे बिजली मामलों की भरमार है ।

पिछले हफते मुरैना में महिलाओं के विरूद्ध थोकबन्‍द दर्ज की गयी एफ.आई.आर. ने जहॉं भारत के अन्‍तर्मन को झकझोर कर लोकतंत्र की चूलें हिला दीं हैं । वहीं गरीब हक मांगते किसानों पर लठठ बरसाना, उनके विरूद्ध हक मांगने को आपराध में तब्‍दील करना, हक मांगने पर महिलाओं को अपराधी बना देना, मुझे लगता है इससे तो अंग्रेजी राज बेहतर था और इस देश को स्‍वतंत्रता न मिली होती तो अच्‍छा था ।

आन्‍दोलन और अहिंसात्‍मक तरीके से शान्तिपूर्ण प्रदर्शन, असहयोग, और प्रतीकात्‍मक विरोध, अधिकारों की मांग करना आदि इस देश को महात्‍मा गांधी द्वारा सिखाये गये फार्मूले हैं ।

गांधी के पथ पर चलने वाले लोग तब अँग्रेजी हुकूमत के जलजले के शिकार होते थे और अब अपनी ही सरकार और अपनी ही पुलिस के । हालांकि वर्तमान में मुरैना का पुलिस महकमा विशेषकर शहर मुरैना और ग्रामीण मुरैना इन दिनों कुछ ठीकठाक है और सन 2001 और 2002 की तरह लॅबे समय बाद अच्‍छे अफसरों की यूनिट काम कर रही है । उल्‍लेखनीय है 2001-2002 में डॉ. रमन सिंह जो कि उस समय यहॉं एडीशनल एस.पी. थे और अजीत केसरी मुरैना के कलेक्‍टर थे, मेरी नजर में एक गजब की अच्‍छी यूनिट उस समय यहॉं बन पड़ी थी, हालांकि उस समय एस.पी. ठीक नहीं था, और डॉ.रमन सिंह जिस पर लोग बहुत विश्‍वास करते थे और उनकी गजब की ईमानदारी और कर्तव्‍य परायणता से लोगों का विश्‍वास पुलिस पर जम गया था, ऐसा ही लगभग कलेक्‍टर अजीत केसरी के बारे में था । यद्यपि एडीशनल एस.पी. ज्‍यादा कुछ स्‍वतंत्र कार्य नहीं कर पाता है लेकिन फिर भी वह जो कर सकते थे वह उन्‍होंने किया और लोगों के दिल पर पुलिस का सही अर्थ अंकित किया । मगर तुर्रा ये कि वे यहॉं से चले गये और पुलिस फिर बदनाम हो गयी ।

फिर लम्‍बे समय बाद रवि गुप्‍ता जरूर फिर अपनी छाप बना पाये लेकिन डकैत समस्‍या या यूं कहिये कि नेताओं के लिये सहज व सहूलियते वाला न होने से उन्‍हें नेताओं का कोपभाजन हो कर जाना पड़ा । फिर योगेश चौधरी डकैत समस्‍या या बढ़ते अपराधों के नियंत्रण में असफलता का दाग लेकर यहॉं से गये हालांकि उनकी कार्यप्रणाली का एक भाग कुछ ठीक था किन्‍तु वे यहॉं के लोगों में अपने पराये का अन्‍तर नहीं कर पाये और भेद नीति में असफल हो कर अपने जौहर नहीं दिखा पाये ।

अब जो यूनिट काम कर रही है, उसमें कलेक्‍टर श्रीमती कैरेलिन खोंग्‍वार देशमुख की आजकल ठीकठाक छवि है उनकी कार्यप्रणाली भी लगभग दुरूस्‍त ही जान पड़ती है, उनसे मिलने या किसी काम का मौका तो नहीं पड़ा लेकिन ओवरव्‍यू अभी तक ठीक है, वहीं मुरैना एस.पी.डॉ. हरी सिंह यादव हनुमान भक्‍त और उनकी यूनिट सी.एस.पी. जयवीर सिंह भदौरिया, टी.आई. के.डी.सोनकिया, डी.एस. परिहार, सी.एस.पी. राजेश मिश्रा की जुगलबन्‍दी बड़ी कमाल की है, मुझे न विश्‍वास था न ऐसी उम्‍मीद फिर भी गजब का काम कर दिखाया है, हॉं एक शिकायत जरूर अक्‍सर आती है कि थानों में अभी भी कायमीयां नहीं होती, फरियादी आज भी बेइज्‍जती और अनसुनेपन के शिकार हैं ।

हॉं तो मुख्‍य बात ये है कि एक बढि़या यूनिट और महिला राष्‍ट्रपति एवं महिला कलेक्‍टर के जमाने में महिलाओं के खिलाफ एफ.आई.आर. ये बात कुछ गले उतर नहीं पा रही ।

वैसे भी मध्‍यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी एक इनकार्पोरेटेड कम्‍पनी (कम्‍पनी अधिनियम 1956) है न कि शासन का विभाग । फिर शासकीय कार्य में बाधा का मामला कैसे दर्ज हो गया, कैसे लोक अभियोजक ने इसे अदालत में जाने दिया और कैसे अदालत ने इसे प्रोसीड कर दिया, कमाल की बात है । मैंने कई मामले मुरैना जिला की कोतवालीयों में ऐसे देखे हैं तहॉं फरियादी या तो कोई निजी फर्म या संस्‍था या कम्‍पनी है यानि जैसे बैंक या सहकारी समिति और इन मामलों में बाकायदा लोकसेवक की तरह निजी मामलों को दर्ज किया गया और शासकीय कार्य में बाधा पहले ही झटके में दर्ज की गयी, न केवल दर्ज की गयी बल्कि उस पर चालान यानि द.प्र.सं.की धारा 173 में अंतिम रिपोर्ट भी इसी प्रकार प्रस्‍तुत हुयी, मामले अदालत में सुने भी गये, और फैसले भी हुये मगर यह जिक्र तक नहीं हुआ कि शासकीय कार्य में बाधा तब बनती जब किसी सरकारी काम में बाधा होती । यानि किसी सरकारी काम का जिक्र तक नहीं आया । अदालत ने भी इन मामलों पर कभी कोई टिप्‍पणी नहीं की, और कईयों को सजायें या जुर्माने ठोक दिये ।

हालांकि पुलिस और अदालत में अभी काफी कुछ गड़बड़ है, मगर अफसोस यह है कि उस वक्‍त वकील क्‍या कर रहे होते हैं, बुनियादी खामियों को या तो वे अदालत में कहते नहीं या फिर उन्‍हें अदालत सुनती नहीं, फिर भला जबरदस्‍ती कैसे कानून और पुलिस पर लोग यकीन करें । ऐसे चिचित्र अन्‍यायों, विरोधाभासों और विडम्‍बनाओं की एक बहुत बड़ी फेहरिस्‍त मेरे पास है जहॉं पुलिस और अदालतें ही कानून से परे हो गयीं हैं ।

बात लगभग एक साल पुरानी है, एक जज ने मुरैना की एक अदालत में फरियादी या उसके वकील से यह तक नहीं पूछा कि खेत की जमीन को कालोनी के रूप में कैसे पिछले बीस साल से बेच रहे हो, कैसे प्‍लाटिंग कर रहे हो, क्‍या नगरपालिका या ग्राम पंचायत में इसे कालोनी के रूप में अधिसूचित कर दिया है या नहीं और उस फर्जी कालोनी को यानि उसके फरियादी पक्ष को सी.पी.सी. की धारा 39(3) का स्‍टे आनन फानन में कालोनी मान कर एक झटके में जारी कर दिया, ऊपर से तुर्रा ये कि आवेदन जिस जगह की स्‍टे के लिये लगाया गया, उसमें नक्‍शा दूसरी जगह का था और फरियादी के पास रजिस्‍ट्री दूसरी जगह की, मजे की बात ये कि दोनों नक्‍शे उसमें लगाये गये और दोनों अलग अलग । यह घटना प्रकरण क्रमांक 23/06/ इ.दी. न्‍यायालय प्रभाकान्‍त शुक्‍ला की है ।

खैर एक और महिला हैं किरण बेदी वे भी खूब चिल्‍लाचोट कर रहीं हैं, वहॉं भी आलम यही है राष्‍ट्रपति महिला और मुख्‍यमंत्री भी महिला और महिला बेदी पर हो गया अन्‍याय, एक महिला बेदी को मिल गया न्‍याय और एक के साथ हो गया अन्‍याय । वैसे उनके बारे में आज वायस आफ अमेरिका ने तगड़ा समाचार दिया है नीचे यह उसे यथावत दे रहे हैं । –

भारत सरकार पर लैंगिक भेदभाव का आरोप

वायस औफ़ अमेरिका  ▪ Hindi

जब भारत की पहली महिला राष्ट्रपति ने अपना पद संभाला तो कहा गया कि इससे देश की लाखों महिलाओं का मनोबल ऊंचा उठा है । लेकिन इसके ठीक बाद एक वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी को उच्च पद पर नियुक्ति से वंचित कर दिया गया । इस घटना की वजह से देश में इस बात पर बहस छिड़ गई है कि देश में अभी भी लैंगिक भेदभाव बरकरार है । नई दिल्ली से अंजना पसरीचा की रिपोर्ट-

कई लोगों के लिए हाल में भारत के राष्ट्रपति पद पर 72-वर्षीय प्रतिभा पाटिल का चुना जाना देश में महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया है । वह ऐसे देश की राष्ट्रपति बनी है, जहां अभी भी व्यापक पैमाने पर भेदभाव बना हुआ है ।

लेकिन ठीक जिस दिन सुश्री पाटिल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई, उसी दिन सरकार ने दिल्ली पुलिस के प्रमुख के पद पर नियुक्ति में एक महिला पुलिस अधिकारी किरण बेदी की अनदेखी कर दी और उनकी जगह उनके कनिष्ठ सहयोगी को उस पर बैठा दिया । सरकार ने इतना ही कहा है कि यह एक प्रशासनिक फैसला है । 

सरकार के इस कदम से एक विवाद खड़ा हो गया है । हाल के महीनों में यह तीसरी घटना है, जब सरकार के प्रमुख पदों पर पुरुषों को बिठाने के लिए महिलाओं की अनदेखी की गई । प्रमुख नौकरशाह वीणा सिकरी और रेवा नायर को वरिष्ठता के आधार पर क्रमशः विदेश सचिव और कबीना सचिव बनाया जाना चाहिए था, लेकिन उनकी अनदेखी कर दी गई ।

महिला संगठनों ने इस पर भारी ऐतराज जताया है । उनका कहना है कि लैंगिक पूर्वाग्रह की वजह से सरकार में काबिल महिला अधिकारियों की उपेक्षा की जा रही है ।

सेंटर फॉर सोशल रिसर्च की निदेशक रंजना कुमारी ने कहा है कि एक महिला को राष्ट्रपति बनाने की जो उपलब्धि मिली थी, वह व्यर्थ हो गई ।

सुश्री कुमारी ने कहा- हमारा मानना है कि राष्ट्रपति पद पर एक महिला की नियुक्ति सोच-समझकर नहीं की गई है । यह सिर्फ राजनीतिक मजबूरी की वजह से की गई । मैं नहीं समझती की सत्ता में बैठे लोग भारत में वास्तव में महिलाओं को सशक्त बनाना चाहते हैं । मैं यह समझ रही हूं कि व्यवस्था अभी भी महिलाओं के लिए जगह छोड़ने को तैयार नहीं है ।

किरण बेदी देश की पहली महिला पुलिस अधिकारी है । कड़ी और स्वतंत्र विचारों वाली होने के कारण उनकी चारों तरफ प्रशंसा हुई है । कई तरह की जिम्मेदारियां उन्हें दी गईं, जहां उन्होंने अपनी छाप छोड़ी । किरण बेदी ने पुलिस प्रमुख के पद से वंचित करने के सरकार के फैसले का विरोध किया है ।

सुश्री बेदी ने कहा कि जो कुछ हुआ है, उससे बहुत ही दुखद संदेश जाता है और हम पहाड़ों से जंग लड़ रहे हैं । व्यवस्था की जीत इसलिए हुई, क्योंकि व्यवस्था में पारदर्शिता नहीं है ।

महिला संगठनों ने सरकार में महिलाओं की बहुत कम भागीदारी का सवाल उठाया है । उनके एक आंकड़े के अनुसार संसद सदस्यों में उनकी संख्या 8 प्रतिशत, नौकरशाही में 15 प्रतिशत और न्यायपालिका में 3 प्रतिशत ही है । ये आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि भारत में अभी भी मर्दों का ही दबदबा है ।

उनका कहना है कि संसद में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीट आरक्षित करने की कोशिशों में सांसदों ने बार-बार अड़ंगा लगाया है, हालांकि देश की दोनों प्रमुख पार्टियां यह कह रही हैं कि वे इसके पक्ष में हैं ।

ऐसा नहीं है कि भारत में महिलाएं बड़े पदों पर आसीन नहीं हुई हैं । इंदिरा गांधी 1966 से 1977 और 1980 से 1984 तक करीब 14 साल तक देश की प्रधानमंत्री थीं । उनकी बहू सेनिया गांधी देश की सत्ताधारी पार्टी, कांग्रेस एवं उसके गठबंधन की मुखिया है । लेकिन आलोचकों का कहना है कि वे इतने बड़े पदों तक इसलिए पहुंची, क्योंकि वे एक शक्तिशाली राजनीतिक खानदान से जुड़ी थीं ।

 

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