भीषण गर्मी मे भारी बिजली कटौती से मुरैना में मचा हाहाकार , नपुंसक हुये सरकार और प्रशासन


मुरैना 22 मई 2020 (ग्वालियर टाइम्स ) मध्यप्रदेश के मुरैना जिला में 24 मार्च से कोरोना और लाकडाउन के कहर के चलते जहां जनता भूखी प्यासी और खाने पीने के सामान तथा अन्य जरूरी सामान के लिये त्रस्त व परेशान रही वहीं दूसरी ओर भीषण गर्मी के इस दौर में पिछले अप्रेल के महीने से अंधाधुंध अनाप शनाप की जा रही अघोषित बिजली कटौती से लाकडाउन के दौर में जनता का जीना मुहाल हो कर चारों ओर हाहाकार मच गया है ।

परेशान जनता और धींगामस्त प्रशासन और भ्रष्ट बिजली कंपनी

यह खबर अभी दोबारा लिखी जा रही है , इस खबर के लिखने और प्रकाशित किये जाने के वक्त तक बिजली कटौती सुबह आठ बजे से जारी है , एक बार लिखी जाकर प्रकाशित किये जाने से पूर्व ही भ्रष्ट बिजली कंपनी के पालतू नामजद पुलिस मुलजिमों द्वारा खबर डिलीट कर दी गई थी , हम पूलिस को 12 जून 2019 से 10 जनवरी 2020 के मध्य 18 नामजद इत्तलायें म प्र पुलिस को दे चुके हैं जो कि अभी तक भ्रष्ट पुलिस द्वारा इस पर कोई एफ आई आर दर्ज नहीं की गई है , यह खबर दोबारा फिर कभी लगायेंगें , फिलहाल बिजली कटौती की यह खबर का लेखन जारी है ….

बिजली अभी तक गोल है जबकि शिकायत की है 12:05 पर , उपभोक्ता आपके क्षेत्र का फीडर GANDHI COLONY 11 KV FEEDER 09:25:00 से 11:55:00,तक मेन्टेनेन्स कार्य हेतु बन्द किया गया है। शि.क्र.2020052203973 है। म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. में सम्पर्क करने के लिए धन्यवाद।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 1 करोड़ उपचारउपलब्ध कराए गए



इस उपलब्धि के अवसर पर डॉ. हर्ष वर्धन ने एक वेबिनार “आयुष्मान भारत : 1 करोड़ उपचार और उसके बाद” को संबोधितकिया

भारत सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) ने आज 1 करोड़  उपचार का आंकड़ा हासिल कर लिया है। इस उपलब्धि के अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज यहां वेबिनार की एक श्रृंखला आरोग्य धारा के पहले संस्करण का शुभारंभ किया, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े सामयिक मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए एक मुक्त मंच की भूमिका निभाएगा। वेबिनार का शीर्षक “आयुष्मान भारत : 1 करोड़ उपचार और उसके बाद” है। वेबिनार के दौरान राज्य मंत्री (एचएफडब्ल्यू) श्री अश्विनी कुमार चौबे भी उपस्थित रहे।

एनएचए के सीईओ डॉ. इंदु भूषण ने इस अवसर पर एबी-पीएमजेएवाई के प्रदर्शन पर प्रस्तुतीकरण दिया और आगे की यात्रा पर विचार विमर्श किया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सभी आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से वेबिनार का प्रसारण किया गया और यह आम जनता के सभी सदस्यों के लिए खुला था।

इस अवसर पर डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “शुभारम्भ के बाद दो साल से भी कम समय में देश के सबसे गरीब परिवारों के मरीजों को 1 करोड़ उपचार उपलब्ध कराना आयुष्मान भारत पीएमजेएवाई योजना के लिए एक मील का पत्थर है। इसमें 21,565 सरकारी और निजी पैनलबद्ध अस्पतालों के माध्यम से 13,412 करोड़ रुपये की लागत से ये उपचार उपलब्ध कराए गए हैं।” उन्होंने कहा, “आयुष्मान भारत योजना आने वाले महीनों और वर्षों के दौरान सामने आने वाली स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने में मानवीय दृष्टिकोण के साथ एक पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाती रहेगी।”

उन्होंने कहा, “वर्ष 2018 में शुभारम्भ के बाद से ही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना बनी हुई है। इसमें हर परिवार को प्रति वर्ष दिए जा रहे 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य कवर के माध्यम से गरीब और वंचित भारतीयों को अस्पताल में किफायती स्वास्थ्य उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसका उद्देश्य देश में 10.74 करोड़ से ज्यादा गरीबों, सबसे कमजोर परिवारों वित्तीय जोखिम सुरक्षा सुनिश्चित करना है। साथ ही यह भारत में सभी के लिए स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने की दिशा मे उठाया गया एक कदम है।”

केन्द्रीय मंत्री ने उन सभी राज्यों को शुभकामनाएं दीं और आभार प्रकट किया, जिन्होंने कोविड-19 के इस अप्रत्याशित दौर में योजना का लाभ देने के वादे को पूरा किया है। उन्होंने कहा, “भारत सरकार आयुष्मान भारत पीएमजेएवाई के सभी 53 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त कोविड-19 जांच और उपचार उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है, जिससे भारत सरकार के सभी को स्वास्थ्य कवरेज के संकल्प, संभावना और क्षमताओं को मजबूती मिलेगी। सभी स्वास्थ्य कामगारों और सभी पैनलबद्ध अस्पतालों के ठोस प्रयासों से 1 करोड़ का आंकड़ा हासिल करने में सहायता मिली है।”

इस अवसर पर डॉ. हर्ष वर्धन ने वाट्सऐप पर ‘आस्क आयुष्मान’ चैट बोट का शुभारम्भ किया, जो 24X7काम करने वाला एआई-सक्षम सहायक है। यह एबी-पीएमजेएवाई योजना के लाभ, विशेषताओं, ई-कार्ड बनवाने की प्रक्रिया, नजदीक में स्थित पैनलबद्ध अस्पतालों, फीडबैक और शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया जैसे जानकारियां उपलब्ध कराता है। चैट बोट की मुख्य विशेषताओं में इसका हिंदी और अंग्रेजी भाषा समझने तथा प्रतिक्रिया देने में सक्षम होना शामिल है। यह उपयोगकर्ताओं के लिए टेक्स्ट टू स्पीच (लिखित विवरण को बोलना) की सुविधा भी उपलब्ध कराता है और इसे सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपयोग किया जा सकता है।

केन्द्रीय मंत्री ने एक ‘हॉस्पिटल रैंकिंग डैशबोर्ड’ का भी शुभारम्भ किया, जो लाभार्थियों के फीडबैक के आधार पर पैनलबद्ध अस्पतालों की रैंकिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस रैंकिंग से एनएचए को लाभार्थियों को अच्छा अनुभव देने के लिए सभी पैनलबद्ध अस्पतालों में गुणवत्ता बढ़ाने के उपाय और स्वास्थ्य सेवाओं के संकेतकों में सुधार के लिए प्रमाण आधारित फैसले लेने में सहायता मिलेगी।

डॉ. हर्ष वर्धन ने ‘एबी-पीएमजेएवाई लाभार्थी ई-कार्ड का एक विशेष संस्करण’ जारी किया, जिसमें अस्पताल में 1 करोड़ भर्ती की उपलब्धि का प्रदर्शन किया गया। उक्त के अलावा,“आयुष्मान भारत पीएमजेएवाई वेबसाइट का हिंदी वर्जन” का भी शुभारम्भ किया गया, जिससे जनता के साथ प्रभावी रूप से जुड़ना सक्षम होगा और उन्हें उपयोग अनुकूल माध्यम से सही जानकारी उपलब्ध कराकर सशक्त बनाया जा सकेगा।

अपने संबोधन में श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि एमओएचएफडब्ल्यू और एनएचए लगातार सभी परीक्षण, उपचार, अस्पताल तथा संबंधित दिशानिर्देशों, लाभार्थियों के लिए जानकारियों के विकास, साझा करने, संशोधन पर काम कर रहे हैं। इससे कोविड-19 से संबंधित अफवाहों और मिथकों को दूर करने में काफी सहायता मिलेगी।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद पॉल ने कहा कि 2018 में शुभारम्भ के बाद से ही एबी-पीएमजेएवाई योजना गरीब और वंचित भारतीयों को अस्पतालों में किफायती उपचार उपलब्ध करा रही है। पीएमजेएवाई का उद्देश्य देश में 10 करोड़ गरीबों, सबसे ज्यादा वंचित परिवारों को वित्तीय जोखिम सुरक्षा सुनिश्चित करना है। साथ ही यह भारत में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज हासिल करने की दिशा में एक कदम है।

श्री इंदु भूषण ने कहा कि एनएचए ने इस अवधि को अपने आईटी सिस्टम, निजी क्षेत्र के हितधारकों की विशेषज्ञता और नेटवर्क को भारत सरकार की तैयारियों में सहयोग देने और कोविड पॉजिटिव मरीजों और उनके परिवारों से मिलने वाली हजारों कॉल को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय कोविड-19 हेल्पलाइन 1075 के प्रबंधन के रूप में प्रतिक्रिया देने के लिए उपयोग किया गया है।

कल से कामन सेंटरों के जरिये रेल रिजर्वेशन देश भर में शुरू , 200 ट्रेनों के लिये बुकिंग होगी


भारतीय रेलवे ने कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) और एजेंटों के जरिये रिजर्वेशन काउंटर और बुकिंग दोबारा खोलने की इजाजत दी


जोनल रेलवे को निर्देश दिया गया है कि वे स्‍थानीय लोगों की जरूरतों और परिस्थितियों के मुताबिक रिजर्वेशन काउंटर की जगह और समय के बारे में जानकारी का प्रसार करने के साथ कल से इन्‍हें चरणबद्ध तरीके से खोले

बुकिंग केन्‍द्रों का खुलना यात्री रेल सेवा बहाल होने की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदमPosted Date:- May 21, 2020

भारतीय रेलवे रिजर्व टिकटों की बुकिंग के लिए रिजर्वेशन काउंटर चरणबद्ध तरीके से खोलने की तैयारी कर रही है।

जोनल रेलवे को निर्देश दिया गया है कि वे स्‍थानीय लोगों की जरूरतों और परिस्थितियों के मुताबिक रिजर्वेशन काउंटर खोलने का फैसला करे और उसे अधिसूचित करे। इन रिजर्वेशन काउंटरों को कल से चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा, साथ ही इनकी जगह और समय के बारे में स्‍थानीय लोगों की जरूरतों और परिस्थितियों के मुताबिक जानकारी का प्रसार किया जाएगा।

भारतीय रेलवे ने कल से रिजर्वेशन टिकटों की बुकिंग कॉमन सर्विस सेंटरों (सीएससी) और टिकटिंग एजेंटों के जरिये करने की भी इजाजत दे दी है।

इस बात पर गौर किया जा सकता है कि मौजूदा प्रोटोकॉल के अनुसारश्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाना स्थानीय राज्य सरकारों द्वारा जारी रखा जाएगा।

इन सभी बुकिंग सुविधाओं को एक बार फिर से खोलना यात्री रेलवे सेवाओं की श्रेणीबद्ध बहाली में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और आरक्षित ट्रेनों में भारत के सभी हिस्सों के सभी संभावित यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग का काम आसान हो जाएगा।

जोनल रेलवे मानक सोशल डिस्‍टेंसिंग दिशा-निर्देशों का पालन कर सकते हैं और वर्तमान कोविड-19 महामारी को देखते हुए स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन कर सकते हैं।

जे ई ई (मेन) परीक्षा में आनलाइन आवेदन की तारीख बढ़ा कर 24 मई की गयी


केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की सलाह के अनुसार, एनटीए ने जेईई (मेन) 2020 के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा करने का अंतिम अवसर दिया

आवेदन फॉर्म 19.05.2020 से 24.05.2020 के बीच उपलब्‍ध होंगे

Posted Date:- May 19, 2020
विभिन्न भारतीय छात्रों से प्राप्त अभ्‍यावेदनों को देखते हुए जिनका विदेश में कॉलेज में जाना तय था लेकिन कोविड-19 से उत्‍पन्‍न बदली हुई परिस्थितियों के कारण अब देश में अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं, और जेईई (मेन) परीक्षा देना चाहते हैं, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने एनटीए को सलाह दी है कि जेईई (मेन) 2020 के फॉर्म भरने के लिए एक अंतिम अवसर दिया जाए। यह उन अन्य छात्रों पर भी लागू होगा जो किसी न किसी कारण से आवेदन प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए थे या जेईई (मेन) 2020 के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा नहीं कर पाए हैं।

📢Students who dropped the idea to study abroad, here is your chance to pursue your studies in India.

I have advised @DG_NTA to give one more opportunity to students to submit new/complete online application form for JEE (Main) 2020.
Hurry! Forms available till 24th May. pic.twitter.com/hSwXQ9GBjX

— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 19, 2020
कोविड-19 के कारण ऐसे छात्रों को होने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) उन्‍हें अब एक और (अंतिम) अवसर दे रही है कि वे नए सिरे से आवेदन करें या ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जेईई (मेन) 2020 को पूरा करें।

यह सभी के ध्यान में लाया जाता है कि ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा करने / पूरा करने की सुविधा केवल 19.05.2020 से 24.05.2020* तक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर उपलब्ध होगी।

‘*’ ऑनलाइन आवेदन फॉर्म को जमा करने / पूरा करने के बाद शाम 05.00 बजे तक स्‍वीकार किया जाएगा और फीस 11.50 बजे तक जमा की जाएगी।

अपेक्षित शुल्क का भुगतान क्रेडिट / डेबिट कार्ड / नेट बैंकिंग / यूपीआई और पेटीएमके माध्यम से किया जा सकता है।

स्‍पष्‍टीकरण के लिए, छात्र हमारी वेबसाइट jeemain.nta.nic.inपर अपलोड किए गए बुलेटिन को देख सकते हैं।

उम्‍मीदवारों और उनके माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए वेबसाइट jeemain.nta.nic.inऔर http://www.nta.ac.inदेखते रहें। उम्‍मीदवार अधिक स्‍पष्‍टीकरण के लिए 8287471852, 8178359845, 9650173668, 9599676953और 8882356803पर सम्‍पर्क कर सकते हैं अथवा jeemain@nta.ac.inपर मेल कर स‍कते हैं।

पी एम ई शिक्षा और ई लर्निंग के साथ नवीन पाठ्यक्रम और ई प्रौद्योगिकी के साथ भारत में अब शिक्षा का नया ढांचा


आधुनिकी करण से बच रही शिक्षा प्रणाली के लिये कोरोना संकट नवाचार और नवीन ई प्रौद्योगिकी के नये आयाम उपलब्ध कराने जा रहा है , इसके लिये भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अनेक प्रावधानात्मक व्यवस्थायें और घोषणायें कीं हैं और अब पारंपरिक व अव्यवस्थित स्कूल /कालेज गुजरे जमाने की बातें हों जायेंगी, आने वाले वक्त में शिक्षा माफिया या शिक्षा के व्यापारीकरण जैसी समस्यायें और बातें बीते कल की बातें बन जायेंगीं । इसके साथ ही भारतीय छात्र/छात्राओं को अब स्कूली/कालेज टेंशन और अव्यवस्थाओं तथा नकल प्रणाली आदि से भी छुटकारा मिलेगा , वहीं उन्हें चंद नाम मात्र के शुल्क पर या मुफ्त ही देश के बेहतरीन से बेहतरीन शिक्षकों/गुरूओं और स्कूलों/कालेजों में/से बेहतरीन अध्यापन और प्रशिक्षण मिल सकेगा वहीं अब उन्हें खुद को पी एम ई शिक्षा प्रणाली के अनुकूल खुद को ढालना और तैयार करना होगा । पारंपरिक स्कूलों /कालेजों की जगह अब ई क्लासेज – वन क्लास – वन चैनल के आधार पर चलने वाले सिस्टम के मुताबिक होना होगा, ट्रेनिंग सेंटरों/कोचिंग सेंटरो/ट्यूटरों आदि सभी को आनलाइन ई एजुकेशन के फार्मेट में काम करना होगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की घोषणा की

मानव पूंजी में निवेश को राष्ट्र की उत्पादकता और समृद्धि में निवेश बताया

मानव संसाधन मंत्री ने कहा “एक राष्ट्र, एक डिजिटल मंच” और “एक कक्षा एक चैनल” देश के कोने-कोने तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करेगा

Posted Date:- May 18, 2020

केन्द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने 17 मई को नई दिल्ली में शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई पहल करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मानव पूंजी में निवेश राष्ट्र की उत्पादकता और समृद्धि में निवेश के समान है। मौजूदा महामारी देश की शिक्षा प्रणाली के लिए नई चुनौतियों के साथ कई अवसर भी लेकर आई है।

श्रीमती सीतारामन ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र ने इस अवसर को अभिनव पाठ्यक्रम तैयार करने, कमियों को पाटने पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित करने, अधिक समावेशी होने तथा हर चरण में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढावा देते हुए मानव पूंजी में निवेश के लक्ष्य के साथ एक नए युग में प्रवेश की योजना बनाई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार सभी के लिए समान रूप से शिक्षा का अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि देशभर में सभी भौगोलिक क्षेत्रों यहां तक की दूर दराज के इलाकों में भी छात्रों को सभी स्तर की शिक्षा की सुविधा मिल सके।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र के लिए की गई पहलों के लिए वित्त मंत्री को भी धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि इससे  शिक्षा प्रणाली में आमूल बदलाव आएंगे, जिससे देश में छात्रों का समग्र विकास हो सकेगा।

भारत सरकार की इस पहल से हमारी शिक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत, समावेशी एवं उपयोगी साबित होगी और देश के करोड़ों छात्र-छात्राएं इससे लाभान्वित होंगे।@PMOIndia@narendramodi@nsitharaman@nsitharamanoffc@ianuragthakur@PIB_India@DDNewslive#AatmaNirbharApnaBharat— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 17, 2020

श्री पोखरियाल ने कहा  “एक राष्ट्रएक डिजिटल प्लेटफॉर्म” और “एक कक्षा एक चैनल” यह सुनिश्चित करेंगे कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सामग्री देश के दूर-दराज के इलाकों में मौजूद छात्रों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह पहल देश में सब तक समान रुप से शिक्षा की पहुंच को बढ़ावा देगी और आने वाले समय में स्कूलों में नामाकंन के अनुपात में सुधार करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि दिव्यांग बच्चों के लिए भी उचित व्यवस्था करने पर विचार किया जा रहा है और ये उपाय नए भारत के निर्माण में एक नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।

वित्त मंत्री ने इस दिशा में निम्नलिखित पहलों की घोषणा की:

  1. पीएम ई-विद्या नाम से एक व्यापक पहल शुरू की जाएगी जो डिजिटल/ऑनलाइन/ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एक साथ जोडगी। यह शिक्षा के लिए वैकल्पिक पहुंच उपलब्ध कराएगा।  इसमें दीक्षा (एक राष्ट्र-एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म)जो सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के लिए स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता ई-सामग्री प्रदान करने के लिए देश का डिजिटल बुनियादी ढांचा बन जाएगा; टीवी (एक कक्षा-एक चैनल) जहां कक्षा 1 से 12 तक प्रत्येक छात्र के लिए प्रति ग्रेड एक समर्पित चैनल होगा जो गुणवत्ता युक्त शैक्षिक सामग्री तक पहुंच प्रदान करेगा: स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए एमओओसीएस प्रारूप में स्वयंम ऑनलाइन पाठ्यक्रम; आईआईटीजेई/नीट की तैयारी के लिए आईआईटीपीएएल; सामुदायिक रेडियो और सीबीएसई शिक्षा वाणी के माध्यम से ब्राडकास्ट; और डिजिटल रूप से सुगम्य सूचना प्रणाली (डेसी) पर विकसित एनआईओएस वेबसाइट/यूट्यूब पर सांकेतिक भाषा में विकसित की गई अध्ययन सामग्री शामिल है। इससे देशभर के लगभग 25 करोड़ स्कूली बच्चों को फायदा होगा।
  2. वैश्विक महामारी की मौजूदा स्थिति में, यह महत्वपूर्ण है कि हम छात्रों, शिक्षकों और उनके परिवारों को मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक सहयोग प्रदान करें। इस दिशा में मनोदर्पण पहल की शुरुआत की जा रही है। इसके लिए एक वेबसाइट, एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर, काउंसलरों की राष्ट्रीय सूची, इंटरैक्टिव चैट प्लेटफॉर्म शुरु किया गया है। इस पहल से देश के सभी स्कूली बच्चों साथ उनके माता-पिता और शिक्षक भी लाभान्वित होंगे।
  3. सरकार खुली, दूरी और ऑनलाइन शिक्षा नियामक ढांचे को उदार बनाकर उच्च शिक्षा में ई-लर्निंग का विस्तार कर रही है। शीर्ष 100 विश्वविद्यालय ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करेंगे। साथ ही, पारंपरिक विश्वविद्यालयों और ओडीएल कार्यक्रमों में ऑनलाइन घटक भी वर्तमान 20% से बढ़ाकर 40% किया जाएगा। यह विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में लगभग 7 करोड़ छात्रों को सीखने के अवसर प्रदान करेगा।
  1. सीखने पर ध्यान केंद्रित करने वाले छात्रों के लिए अनुभवनात्मक और सहज सीखने की प्रक्रिया के साथ-साथ उनमें रचनात्मक सोच और कौशल को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता है। पाठ्यक्रम में भारतीय लोकाचार और मूल्य निहित होने चाहिए तथा उसे वैश्विक स्तर पर आवश्यक कौशल के अनुरुप ढाला जाना चाहिए। इसलिए, वैश्विक बेंचमार्क के अनुरुप ही छात्रों और शिक्षकों के भविष्य के लिए एक नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा तैयार करने का निर्णय लिया गया है।
  1. देश में प्रत्येक बच्चे तक ग्रेड 3 में साक्षरता और न्यूमरेसी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय साक्षरता और न्यूमेरसी मिशन शुरू किया जाएगा। इसके लिए, शिक्षकों में क्षमता निर्माण, एक मजबूत पाठ्यक्रम ढांचा, सीखने की सामग्री को आकर्षक बनाने-  ऑनलाइन और ऑफलाइन, सीखने के परिणामों और उनके माप सूचकांकों, मूल्यांकन तकनीकों तथा सीखने की प्रगति पर नज़र रखने जैसे कार्यों को एक व्यवस्थित रूप दिया जाएगा। इस मिशन से 3 से 11 वर्ष के आयु वर्ग के लगभग 4 करोड़ बच्चे लाभान्वित होंगे।

C. B. S. E. की दसवीं और बारहवीं की शेष बची परीक्षाओं का टाइम टेबल घोषित, जुलाई में सारे पेपर


केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने दसवीं और बारहवीं कक्षा की शेष परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा कीPosted Date:- May 18, 2020

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज नई दिल्ली में सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं कक्षा की शेष परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा की। श्री पोखरियाल ने बताया कि दसवीं कक्षा की परीक्षाएं केवल उत्तर पूर्वी दिल्ली के छात्रों के लिए आयोजित की जाएंगी, जबकि बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं उत्तर-पूर्वी दिल्ली सहित देश भर के छात्रों के लिए आयोजित की जाएंगी। सभी परीक्षाएं सुबह 10:30 से दोपहर 1:30 बजे के बीच होंगी।

Dear students of class 10th of #CBSE Board studying in North East District, New Delhi, here is the date sheet for your board exams.

All the best 👍#StaySafe#StudyWell@HRDMinistry@mygovindia@cbseindia29@PIB_India @DDNewslive@MIB_Indiapic.twitter.com/1FySJ1CAQ4— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 18, 2020

Dear students of class 12th of #CBSE Board here is the date sheet for your board exams.

All the best 👍#StaySafe#StudyWell@HRDMinistry@mygovindia@cbseindia29@PIB_India @MIB_India@DDNewslivepic.twitter.com/2ug6Dw8ugA— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 18, 2020

इससे पहले 5 मई को एक वेबिनार में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान श्री पोखरियाल ने कहा था कि सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं कक्षा की शेष परीक्षाएं 1-15 जुलाई के बीच आयोजित की जाएंगी।

इस अवसर पर श्री पोखरियाल ने कहा कि परीक्षा की तारीखों की घोषणा करते समय मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध था कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिले और अब छात्र अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे । केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रीने कहा कि इसके अलावा हमने सीबीएसई को यह भी निर्देश दिया है कि वह परीक्षा आयोजित करते समय सामाजिक दूरी का ध्यान रखें ताकि छात्रों और शिक्षकों का स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सके। उन्‍होंने परीक्षा के लिए छात्रों को शुभकामनाएं भी दीं।

दसवीं कक्षा की डेटशीट देखने के लिए यहां क्लिक कीजिए

बाहरवीं कक्षा की डेटशीट देखने के लिए यहां क्लिक कीजिए

तूफान अम्फान कल प. बंगाल के तट पर 195 कि मी/घं की रफ्तार की हवा के साथ हमला करेगा , भारी तेज वारिश की चेतावनी


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से निपटने की तैयारियों की गहन समीक्षा की


20 मई, 2020 को तटीय इलाकों से टकराएगा ‘अम्फान’

चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ ने आज बंगाल की खाड़ी में ‘सुपर चक्रवाती तूफान’ का अत्‍यंत उग्र रूप ले लिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’  से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए संबंधित राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों की तैयारियों की गहन समीक्षा की। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के साथ-साथ भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण और आईएमडी, एनडीएमए एवं एनडीआरएफ के अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सूचित किया है कि इस ‘सुपर चक्रवाती तूफान’ के 20 मई, 2020 की दोपहर में एक बेहद उग्र चक्रवाती तूफान के रूप में 195 किलोमीटर प्रति घंटे तक हवा की काफी तेज रफ्तार के साथ पश्चिम बंगाल तट से टकराने की प्रबल संभावना है। इस वजह से राज्य के तटीय जिलों में तेज से लेकर अत्‍यंत तेज वर्षा होगी।  

इस चक्रवाती तूफान से पश्चिम बंगाल में पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिलों के सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका है। यही नहीं, इस तूफान से उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों जैसे कि जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर के भी प्रभावित होने की आशंका है।

आईएमडी ने आगाह करते हुए कहा है कि अत्‍यंत उग्र ज्वार के ऊपर लगभग 4-5 मीटर की ऊंचाई पर तूफान आने का अंदेशा है, जो पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना के निचले तटीय इलाकों में बाढ़ लाएगा। इसी तरह तटीय इलाकों से तूफान के टकराने के समय पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में भी 3-4 मीटर की ऊंचाई पर यह कहर ढाएगा। इस चक्रवाती तूफान से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भारी क्षति होने का अंदेशा है।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि चक्रवाती तूफान के मार्ग में पड़ने वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित निकालने और आवश्यक वस्‍तुओं की आपूर्ति को पर्याप्त मात्रा में बनाए रखने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जाएं।

सभी संबंधित प्राधिकारियों को यह सलाह दी गई है कि वे आवश्यक सेवाओं जैसे कि बिजली, टेलीफोन को नुकसान पहुंचने की स्थिति में उनका रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त तैयारी करें और इसके साथ ही समय पर अपनी तैयारियों की अच्छी तरह से समीक्षा करें तथा किसी भी व्यवधान की स्थिति में आवश्‍यक सेवाओं की त्वरित बहाली सुनिश्चित करें।

भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत एवं बचाव कार्यों के लिए कई जहाज और हेलि‍कॉप्टर तैनात कर दिए हैं। इन राज्यों में सेना और वायु सेना की इकाइयों को भी आपात व्‍यवस्‍था के तौर पर रखा गया है।

एनडीआरएफ ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 25 टीमों को तैनात किया है। इसके अतिरिक्त 12 टीमों को आपात व्‍यवस्‍था के तौर पर रखा गया है। ये टीमें आवश्यक सामग्री जैसे कि नाव, पेड़ काटने वाले औजार, दूरसंचार उपकरण, इत्‍यादि से लैस हैं।

आईएमडी सभी संबंधित राज्यों को नवीनतम पूर्वानुमान के साथ नियमित तौर पर बुलेटिन जारी करता रहा है। गृह मंत्रालय भी राज्य सरकार के साथ निरंतर संपर्क बनाए हुए है।

फिल्म – लाकडाउन भाग -2


फिल्म लाक डाउन भाग -2 (ग्वालियर टाइम्स प्रस्तुति )

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आधारभूत ढांचे को प्रोत्साहन,गरीबों और प्रवासी कामगारों को मिलेगा रोजगार


वित्त मंत्री की आज की घोषणाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आधारभूत ढांचे को मिलेगा प्रोत्साहन, करोड़ों गरीबों और प्रवासी कामगारों को उपलब्ध होंगे रोजगार : गृह मंत्री


स्वास्थ्य, शिक्षा और कारोबार जगत में बड़े बदलाव लाएगा आर्थिक पैकेज : श्री अमित शाह

कोविड-19 से निपटने में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व ने कई विकसित देशों को छोड़ा पीछे : गृह मंत्रीPosted Date:- May 17, 2020

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज घोषित आर्थिक पैकेज के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा, “आज की घोषणाएं आत्मनिर्भर भारत के विचार को साकार बनाने की दिशा में एक लंबा सफर तय करेंगी। ये स्वास्थ्य, शिक्षा और कारोबार के क्षेत्रों में व्यापक बदलाव लाने वाले कदम साबित होंगे, जिनसे करोड़ों गरीबों को रोजगार मुहैया होगा।”

ग्रामीण भारत के लिए किए गए आवंटन पर बात करते हुए श्री शाह ने कहा, “मोदी सरकार द्वारा मनरेगा के अंतर्गत 40,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन से न सिर्फ गरीब और प्रवासी कामगारों के लिए रोजगार पैदा करने में सहायता मिलेगी, बल्कि इससे टिकाऊ आजीविका संपदाएं भी तैयार होंगी।” उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आधारभूत ढांचे को व्यापक स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।

गृह मंत्री ने कोविड-19 से निपटने में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि इस मामले में भारत ने कई विकसित देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत बनाकर और सुधार के माध्यम से भविष्य में किसी भी महामारी के लिए भारत को तैयार करने का संकल्प लिया है। मोदी सरकार ने हर जिले में इंफेक्शस डिसीसेस हॉस्पिटल ब्लॉक (संक्रामक बीमारी अस्पताल खंड) तैयार करने, प्रयोगशाला नेटवर्क और निगरानी को मजबूत बनाने तथा शोध को प्रोत्साहन देने के लिए भारत के स्वास्थ्य खर्च को बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे भरोसा है कि यह दूरदर्शिता भारत को स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी आगे ले जाएगी।”

सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम नीति पर फिर से विचार करने के फैसले, आईबीसी से संबंधित उपायों के माध्यम से कारोबारी सुगमता में सुधार पर ध्यान केन्द्रित करने और कंपनी अधिनियम से आपराधिक प्रावधान हटाने पर श्री शाह ने कहा कि ऐसे फैसलों से आत्म निर्भर भारत की दिशा में पीएम मोदी की भविष्य दृष्टि और उनकी प्रतिबद्धता का पता चलता है।

गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने राज्यों की उधारी सीमा बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे उन्हें 4.28 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन हासिल होंगे। राज्यों को पूर्व में दी गई निधि पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र अप्रैल में करों के विचलन (हस्तांतरण) के माध्यम से पहले ही 46,038 करोड़ रुपये; राजस्व घाटा अनुदान के 12,390  करोड़ रुपये; और एसडीआरएफ कोष के रूप में 11,000 करोड़ रुपये दे चुका है।

सार्वजनिक उद्यम नीति , डूइंग आफ बिजनेस और कंपनी एक्ट में चूक के मामले अपराध से बाहर


वित्त मंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत सात सेक्‍टरों में सरकारी सुधारों और सहायक उपायों की घोषणा कीPosted Date:- May 17, 2020

मुख्य विशेषताएं

  • रोजगार को बढ़ावा देने हेतु मनरेगाके लिए आवंटन में 40,000 करोड़ रुपये की वृद्धि
  • भारत को भावी महामारियों हेतु तैयार करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य में निवेश बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी अन्य सुधार
  • कोविड के बाद समानता के साथ प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा
  • आईबीसी से संबंधित उपायों के जरिए कारोबार में सुगमता’ बढ़ाई जाएगी
  • कंपनी अधिनियम से संबंधित डिफॉल्‍ट को अपराध की श्रेणी से हटाया गया  
  • कंपनियों के लिए कारोबार करने में सुगमता
  • एक नएआत्मनिर्भर भारत के लिए सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति
  • केवल वर्ष 2020-21 के लिए राज्यों की उधारी सीमा 3% से बढ़ाकर 5% की गई और राज्य स्तरीय सुधारों को बढ़ावा 

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदीने 12 मई 2020 को भारत की जीडीपी के 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के एक विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की। उन्होंने आत्मनिर्भरभारतअभियान का आह्वान किया। उन्होंने आत्मनिर्भरभारत के पांच स्तंभों यथा अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रणाली, युवा आबादी या शक्ति और मांग को भी रेखांकित किया।

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत कोविड-19 से लड़ने के लिए घोषित किए गए प्रोत्साहन या राहत पैकेज पर आज यहां आयोजित पांचवीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने आरंभिक संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 12 मई 2020 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में व्‍यक्‍त किए गए विजन का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री को उद्धृत करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हम अत्‍यंत अहम मोड़ पर हैं। कोविड-19 महामारी एक संदेश और एक अवसर लेकर आई है। हमें अब आत्‍मनिर्भर भारत का निर्माण करने की आवश्यकता है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि आत्‍मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज में भूमि, श्रम, तरलता और कानूनों पर विशेष जोर दिया गया है। संकट और चुनौती एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने का अवसर है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सुधारों की श्रृंखला के तहत ही आज भी अहम घोषणाएं की गई हैं। लॉकडाउन के तुरंत बाद हमने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) की घोषणा कर दी। 1.70 लाख करोड़ रुपये के पीएमजीकेपी के एक हिस्से के रूप में सरकार ने मुफ्त खाद्यान्न के वितरण, महिलाओं एवं गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को नकद भुगतान, इत्‍यादि की घोषणा की। पैकेज के त्‍वरित कार्यान्वयन पर निरंतर करीबी नजर रखी जा रही है। लगभग 41 करोड़ गरीबों को पीएमजीकेपी के तहत 52,608 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि पीएमजीकेपी के तहत लोगों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने जो भी किया वह पिछले कुछ वर्षों के दौरान की गई अभिनव पहलों की बदौलत ही संभव हो पाया।

इसके अलावा, राज्यों द्वारा 84 लाख मीट्रिक टन अनाज उठाया गया है और साथ ही 3.5 लाख मीट्रिक टन से अधिक दालें विभिन्न राज्यों में भेजी गई हैं। और ढुलाई संबंधी चुनौतियों के बावजूद बड़ी मात्रा में दालें और अनाज देने के लिए श्रीमती सीतारमण ने एफसीआई, नैफेड और राज्यों के ठोस प्रयासों की सराहना की है।

सरकारी सुधारों और समर्थन की दिशा में उठाए गए उपायों के 5वें और आखिरी हिस्से की घोषणा करते हुए श्रीमती सीतारमण ने रोजगार प्रदान करने, कारोबारों को सहायता देने, ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (व्यापार करने में आसानी) और राज्य सरकारों के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों के लिए सात उपायों के बारे में ब्यौरा दिया।

1. रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा के आवंटन में 40,000 करोड़ रुपये की वृद्धि

सरकार अब मनरेगा के तहत अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का आवंटन करेगी। मानसून के मौसम में वापस लौट रहे प्रवासियों समेत ज्यादा काम की जरूरत को संबोधित करते हुए इससे कुल 300 करोड़ मानव दिवस का रोजगार पैदा करने में सहायता मिलेगी। बड़ी संख्या में टिकाऊ और जल संरक्षण संपदाओं सहित आजीविका संपदाएं निर्मित करने से उच्च उत्पादन के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

2. स्वास्थ्य सुधार और पहलें

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी करके और जमीनी स्वास्थ्य संस्थानों में निवेश करके स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय को बढ़ाया जाएगा। सभी जिलों में संक्रामक रोगों के अस्पताल ब्लॉक स्थापित किए जाएंगे और महामारियों के प्रबंधन के लिए सभी जिलों और ब्लॉक स्तर के लैब और जन स्वास्थ्य इकाई में एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं द्वारा लैब नेटवर्क और निगरानी को मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा, आईएमसीआर द्वारा स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय संस्थागत प्लेटफॉर्म, अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा। और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य खाका (एनडीएचबी) का कार्यान्वयन।

3. कोविड के बाद समानता के साथ प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा

‘पीएम ई-विद्या’, डिजिटल / ऑनलाइन शिक्षा तक बहु-माध्यम पहुंच के लिए एक कार्यक्रम है जिसे जल्द ही शुरू किया जाएगा। ‘मनोदर्पण’, मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक कल्याण के सिलसिले में छात्रों, शिक्षकों और परिवारों का मनोवैज्ञानिक-सामाजिक समर्थन करने के लिए एक पहल है जो तुरंत शुरू की जाएगी। स्कूल, शुरुआती बचपन और शिक्षकों के लिए नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा भी शुरू किया जाएगा। साल 2025 तक प्रत्येक बच्चा कक्षा 5 में सीखने का स्तर और परिणाम प्राप्त सके यह सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता और गणना मिशन को दिसंबर 2020 तक शुरू किया जाएगा।

4.आईबीसी से संबंधित उपायों के माध्यम से कारोबार में सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) और बेहतर होगी  

दिवाला कार्यवाही शुरू करने के लिए न्यूनतम सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रु किया गया  (पहले यह सीमा 1 लाख रु थी, इससे एमएसएमई  को लाभ मिलेगा)। संहिता की धरा 240 ए के तहत एमएसएमई के लिए विशेष दिवाला संकल्प ढांचा जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।

महामारी की स्थिति के आधार पर, एक वर्ष तक नई दिवाला कारवाई की शुरुआत नहीं की जायेगी। दिवाला कारवाई को शुरू करने के उद्देश्य से संहिता  के तहत कोविड  19 से संबंधित ऋण को “डिफ़ॉल्ट” की परिभाषा से बाहर करने के लिए केंद्र सरकार को सशक्त बनाना।      


5. कंपनी अधिनियम के तहत की गयी गलती (चूक) को अपराध की श्रेणी से बाहर करना

कंपनी कानून की मामूली तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूक को अपराधीकरण की श्रेणी से बाहर किया जाएगा। (सीएसआर रिपोर्टिंग में गलतियाँ, बोर्ड रिपोर्ट में कमियां, एजीएम आयोजित करने में विलम्‍ब आदि ) संशोधन से आपराधिक अदालतों और एनसेएलटी  में मामलों के संख्या में कमी आएगी। 7 समझौता योग्य (कंपाउंडेबल) अपराधों को पूरी तरह से हटा दिया गया है और 5 अपराधों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत निपटाया जायेगा।

6. कंपनियों के लिए कारोबार करने में सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस)

मुख्य सुधारों में शामिल हैं:


• स्वीकृत विदेशी बाजारों में भारतीय सार्वजनिक कंपनियों द्वारा प्रतिभूतियों का प्रत्यक्ष सूचीबद्ध होना।
• निजी कंपनियां जो स्टॉक एक्सचेंजों पर एनसीडी को सूचीबद्ध करती हैं, उन्हें सूचीबद्ध कंपनियों के रूप में नहीं माना जाएगा।
• कंपनी अधिनियम, 1956 के भाग  9 ए (निर्माता कंपनियों) के प्रावधानों को कंपनी अधिनियम, 2013 में शामिल करना।
• एनसीएलएटी के लिए अतिरिक्त / विशिष्ट बेंच गठित करने की शक्ति

• छोटी कंपनियों, एक-व्यक्ति के स्वामित्व वाली कंपनियों, निर्माता कंपनियों और स्टार्ट अप के द्वारा की गयी गलतियों के लिए आर्थिक दंड में कमी।

7. नए, आत्‍मनिर्भर भारत के लिए सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति

सरकार एक नई नीति की घोषणा करेगी जिसके द्वारा-

  • सार्वजनिक हित में पीएसई की अपेक्षा रखने वाले रणनीतिक क्षेत्रों की सूची अधिसूचित की जाएगी।
  • सामरिक क्षेत्रों में, कम से कम एक उद्यम सार्वजनिक क्षेत्र में रहेगा लेकिन निजी क्षेत्र को भी इजाजत दी जाएगी।
  • अन्‍य क्षेत्रों में, पीएसई का निजीकरण किया जाएगा (समय का निर्धारण व्‍यवहार्यता पर आधारित होगा।)
  • अनावश्‍यक प्रशा‍सनिक खर्च को कम करने के लिए, सामरिक क्षेत्रों में उद्यमों की संख्‍या आमतौर पर केवल एक से चार होगी; अन्‍य का निजीकरण/विलय कर दिया जाएगा/ होल्डिंग कम्‍पनियों के अंतर्गत लाया जाएगा।
  1. राज्‍य सरकारों को सहायता

केन्‍द्र ने केवल वर्ष 2020-21 के लिए राज्‍यों की उधार की सीमा 3% से बढ़ाकर 5% करने का फैसला किया है। इससे राज्‍यों को 4.28 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्‍त संसाधन मिल सकेंगे। इस उधार का हिस्सा कुछ विशिष्ट सुधारों से जोड़ा जाएगा (वित्त आयोग की सिफारिशों सहित)। सुधारों को चार क्षेत्रों से जोड़ा जाएगा: ‘एक देश एक राशन कार्ड’ का सार्वभौमिकरण, कारोबार में सुगमता, बिजली वितरण और शहरी स्थानीय निकाय। एक विशिष्ट योजनाव्यय विभाग द्वारा निम्नलिखित पैटर्न पर अधिसूचित की जाएगी:

    • 0.50 प्रतिशत की बिना शर्त वृद्धि
    • 0.25 प्रतिशत के 4 हिस्सों में 1 प्रतिशतजिसमें प्रत्येक हिस्सा स्पष्ट रूप से निर्दिष्टमापने योग्य और व्यवहार्य सुधार कार्यों से जुड़ा हुआ हो
    • आगे 0.50 प्रतिशत औरअगर चार में से कम से कम तीन सुधार क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल कर लीजाएं।

वित्‍त मंत्री ने आत्‍म निर्भर भारत बनने के लिए अब तक प्रदान किए गए प्रोत्‍साहन उपायों का ब्‍यौरा प्रदान कर अपनी बात समाप्‍त की।

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